Please read my self writeen poem Please read my self writeen poem
मत डर ज़िन्दगी है हर मुश्किलों का सामना तो कर। मत डर ज़िन्दगी है हर मुश्किलों का सामना तो कर।
सोच अगर मैदान में मैं हाजीर होता अपने ही किये पर तू उमर भर रोता... सोच अगर मैदान में मैं हाजीर होता अपने ही किये पर तू उमर भर रोता...
भटक रहा हूँ आत्मशांति को, कब आएगी मेरी बारी।। भटक रहा हूँ आत्मशांति को, कब आएगी मेरी बारी।।
फिर से चलना शुरु कर, 'तेरी मंजिल की ओर। फिर से चलना शुरु कर, 'तेरी मंजिल की ओर।
अपनों की जानें बचा सकेंगे, जब नियम कानून करेंगे पालन। अपनों की जानें बचा सकेंगे, जब नियम कानून करेंगे पालन।